माँ जगत कष्ट हरो

डॉ.धारा बल्लभ पाण्डेय’आलोक’अल्मोड़ा(उत्तराखंड) ************************************************ (रचना शिल्प:३१ वर्ण, ८,८,८,७ वर्ण पर यति, चरणांत गुरु) माँ जगत कष्ट हरो,सबका कल्याण करो,विपदा से मुक्त करो,हे महिषमर्दिनी। महावतार धारिणी,जगत वरदायिनी,सर्व सुखप्रदायिनी,हे जगत वंदिनी। माँ भवभय हारिणी,भक्तजन उद्धारिणी,हे जगत कल्याणिनी,हे निशुंभ मर्दिनी। भवसागर तारिणी,सर्व विपदा हारिणी,माँ जन सुखदायिनी,असुर विमर्दिनीll दुष्ट दल विनाशिनी,सुहासिनी सुभाषिनी,हे उमा वरदायिनी,हे त्रिलोक चारिणी। विपदा में आज … Read more