भगवा रंग बोलेगा…
डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)********************************** रचनाशिल्प:मात्रा भार १६-१५ भारती के लाल कैसे थे,ये भगवा रंग बोलेगा।दुश्मनों के काल कैसे थे,ये भगवा रंग बोलेगा॥ चढ़ाये शीश हँस-हँसकर,निडर हो माँ के चरणों में।वो माँ के ढाल कैसे थे,ये भगवा रंग बोलेगा॥भारती के लाल कैसे थे… जो केहरि बनके तोड़े थे,गुलामी की जंजीरों को।वो समर के साल कैसे थे,ये भगवा … Read more