जै श्री कृष्ण

डॉ.विद्यासागर कापड़ी ‘सागर’पिथौरागढ़(उत्तराखण्ड)*********************************************** कृष्ण धूप,कृष्ण छाँव,कृष्ण फूल,पात हैं।कृष्ण श्वाँस,कृष्ण नैन,कृष्ण मनुज गात हैं॥ कृष्ण भोर,कृष्ण शाम,कृष्ण भानु,इंदु हैं।कृष्ण व्योम,कृष्ण धरा,कृष्ण जगत बिंदु हैं॥ कृष्ण सखा,कृष्ण भ्रात,कृष्ण मातु,तात हैं।कृष्ण नीर,कृष्ण क्षीर,कृष्ण मधुर वात हैं॥ कृष्ण सरी,कृष्ण सिंधु,कृष्ण सरी तीर हैं।कृष्ण हास,कृष्ण रास,कृष्ण नैन नीर हैं॥ कृष्ण गीत,कृष्ण रीत,कृष्ण नाद,घोष हैं।कृष्ण भूख,कृष्ण तीस,कृष्ण पूर्ण तोष हैं॥ परिचय-डॉ.विद्यासागर … Read more