प्यार नहीं प्रेम

डॉ. कविश्री जायसवालमेरठ(उत्तरप्रदेश)********************************** काव्य संग्रह हम और तुम से…. प्यार नहीं प्रेम करती हूँ तुम्हें,पाना नहीं जीना चाहती हूँ तुम्हें क्योंकिपकड़ना नहीं थामना चाहती हूँ तुम्हेंबाँधना नहीं समेटना चाहती हूँ तुम्हें।अब तोड़ना नहीं खोलना चाहती हूँ तुम्हें,पहचानना नहीं जानना चाहती हूँ तुम्हेंसंभालना नहीं निखारना चाहती हूँ तुम्हें,देखना नहीं महसूस करना चाहती हूँ तुम्हें।पास नहीं,साथ चाहती … Read more