हर रात के बाद सवेरा

क्रिश बिस्वालनवी मुंबई(महाराष्ट्र)******************************** जैसे हर चमकते तारे तले काली रातों का साया होता है,जैसे हर जलते दीपक तले अंधेरा होता हैठीक उसी तरह हर रात के बाद सवेरा होता है।जैसे किसी मनुष्य के मन हार का डर होता है,जैसे किसी प्राणी को अपना शिकार खोने का डर होता हैठीक उसी तरह हर रात के बाद … Read more