तुमको आना था, तो आ गए
डॉ.एम.एल.गुप्ता ‘आदित्य’ मुम्बई (महाराष्ट्र) ************************************************* नव वर्ष!तुमको आना था,तो आ गए,इसमें क्या है हर्ष! पिछले वर्ष आए थे,तब क्या किया ?जो अब करोगे,क्या पाया हमने,पाकर तुम्हारा स्पर्श!तुमको आना था,तो आ गए!क्या है इसमें हर्ष! नव वर्षपहले जब तुम आए थे!तब भी मनाया था जश्न,कितनी ही पाली थी उम्मीदें,प्रकट किया था हर्ष,तब कितना गम दिया,अब क्या दोगे … Read more