तुम भूल गए प्रियतम …

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** (धुन-इक प्यार का नगमा है…) एक तू ही तो अपना है, बाकी सब सपना है। तुम भूल गए प्रियतम, अब विरह में तपना है। रूठ गया तू अगर, बस माला जपना हैll एक तू ही तो अपना है, बाकी सब सपना है… कहो मेरी किस्मत अब, यहाँ और कितना सहना … Read more

सपने का मूल्य

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** देखो हवा बदलती कैसे, लहर भँवर में फँसती जैसेl मेरे आँसू अध्यॆ बनकर, मन शिकंजा कसती जैसेl मधुमास चहकता उतरा, उसकी आँखें हँसती जैसेl भाव बन जाते अक्षत रोली, वह हृदय में बसती जैसेl मधुवन में बासंती होली, फागुन की हो मस्ती जैसेl सपना पूछे सपने का मूल्य, जिन्दगी यहाँ … Read more

माँ

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** मातृ दिवस स्पर्धा विशेष………… शब्द नहीं है मेरे पास सीखा है एहसास जगाना, तूफानी लहरों पर भी सीखा है दीप जलाना। अक्षर भले न पढ़ पाये सीखा है चेहरों को पढ़ना, आँखों से अधरों का सीखा है संवाद बनाना। सुबह-सुबह उठकर वो सूरज से करती ढेरों बातें, आग भरे दरिया … Read more

तेरा ही अंश हूँ

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** माँ मैं तेरा ही अंश हूँ, मुझे इस दुनिया में अब आने दो माँl कुछ नहीं चाहिए, बस प्यार तेरा चाहिए मुझे अपने आँचल में, अब छिपा लो माँl मैं सहमी-सी तेरी, नन्हीं कली मेरा कसूर क्या है माँ ? मेरी साँसों को बचा लो माँl मैं बोझ नहीं हूँ … Read more

धरा

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** विश्व धरा दिवस स्पर्धा विशेष……… धरा करती श्रृंगार, देखो वर्षा की फुहार हरियाली हर ओर, धरती हरियाई। छाई है देखो बहार, नाचता है मन मोर हो गई सुहानी भोर, धरा खिलखिलाई। कोयल की मीठी तान, पपीहे की देखो शान कामदेव छोड़े बान, रति भी मुस्कुराई। घनघोर घटा छाई, मोरनी नृत्य … Read more

मतदान

अनिता मंदिलवार  ‘सपना’ अंबिकापुर(छत्तीसगढ़) ************************************************** रखने को स्वस्थ लोकतंत्र, आओ करें मतदान। अपने स्वार्थों से ऊपर उठ, देश के लिए जागें हम। हम चाहते हैं हर तरफ स्वस्थ वातावरण हो, इसके लिए करें मतदान। लोकतंत्र तो ऐसा हो, जिसमें समानता की बात हो न हो कोई भेदभाव, न किसी को हो अभाव। समानता की बात … Read more