बेटियाँ
प्रो.डॉ. शरद नारायण खरे मंडला(मध्यप्रदेश) *********************************************************************** बेटी तो कोमल कली,बेटी तो तलवार। बेटी सचमुच धैर्य है,बेटी तो अंगार॥ बेटी है संवेदना,बेटी है आवेश। बेटी तो है लौह सम,बेटी भावावेश॥ बेटी कर्मठता लिये,रचे नवल अध्याय। बेटी चोखे सार का,है हरदम अभिप्राय॥ बेटी में करुणा बसी,बेटी में है धर्म। बेटी नित माँ-बाप प्रति,करती पूरा कर्म॥ बेटी तो … Read more