अपने फर्ज़ निभाएं
नरेंद्र श्रीवास्तवगाडरवारा( मध्यप्रदेश)******************************************** ऐसा भी कुछ कर दिखलाएं,अपने-अपने फर्ज़ निभाएं। इक़-दूजे से रखें मोहब्बत,इक़-दूजे का मान बढ़ाएं। आपस में मतभेद मिटाकर,आपस में सामंजस्य बनाएं। अपराधों में अंकुश आए,‘स्वजन’ में संस्कार जगाएं। लड़ने-अड़ने की जिद छोड़़ें,‘बड़ों’ की कही बात निभाएं। मिल-जुल करके रहें शांति से,स्वस्थ,सुखी माहौल बनाएं॥