ईश्वर के ही रूप हैं अन्नदाता
नीलू चौधरीबेगूसराय (बिहार)*************************************** अट्टालिकाओं में रहने वालों,तुम खरीदते हो ऑनलाइनपैकेट बंद अनाजकैसे महसूसोगे किसानों के दर्द को ?तुम्हें नहीं पता,वो कैसे उगाते हैं खेतों में अन्न ?कर्जे का बोझ सर पर उठा,झेलते हैं मौसमों की मारपर हारते नहीं हिम्मत।जूझते हैं अपनी बदकिस्मती से,तपती धूप हो या हाड़ जमाती ठंडउन्हें जाना होता है खेतों पर,नहीं दे … Read more