ईश्वर के ही रूप हैं अन्नदाता

नीलू चौधरीबेगूसराय (बिहार)*************************************** अट्टालिकाओं में रहने वालों,तुम खरीदते हो ऑनलाइनपैकेट बंद अनाजकैसे महसूसोगे किसानों के दर्द को ?तुम्हें नहीं पता,वो कैसे उगाते हैं खेतों में अन्न ?कर्जे का बोझ सर पर उठा,झेलते हैं मौसमों की मारपर हारते नहीं हिम्मत।जूझते हैं अपनी बदकिस्मती से,तपती धूप हो या हाड़ जमाती ठंडउन्हें जाना होता है खेतों पर,नहीं दे … Read more

राह तेरी मैं तकूँ

नीलू चौधरीबेगूसराय (बिहार)*************************************** काव्य संग्रह हम और तुम से राह तेरी मैं तकूँ तो मत कहो नादान है ये,द्वार मेरे आ गए हो ईश का वरदान है ये। पीर पल में सब भुलाकर,नत नयन तुझको निहारूं,आगमन तेरा बताए,प्रेम का अनुदान है ये। क्यों सहें इतना विरह हम जिन्दगी बेजार कर लें,आ अधूरे इस मिलन को … Read more

बेटियाँ आँखों का नूर

प्रो.नीलू गुप्ता ‘विद्यालंकार’,कैलिफ़ोर्निया(अमेरिका)**************************** बेटी को नहीं हम अब यूँ ठुकराते हैं,बेटी का होना अब नहीं दुर्भाग्य मानते हैंबेटी दुर्गा लक्ष्मी सरस्वती बन आती है,बेटी घर में अमन चैन सुख शान्ति लाती हैlबेटियाँ आँखों का नूर हैं,देश का कोहिनूर हैं… आओ मिल करें कलिकाओं का स्वागत,जिनकी महक से अँगना होता सुवासितक्यारियाँ ख़ुशियों के फूलों से लद … Read more