दर्द भी है,तरकीबें भी

कविता जयेश पनोतठाणे(महाराष्ट्र)********************************************************** दर्द भी है जिन्दगी में,तकलीफें भी हैंतकलीफों से लड़ जाने की,तरकीबें भी हैं। सख्त है अगर वक्त तो,उसकी वजह भी हैबह जाने दो आँसूओं को,कह जाने दो क्या कहना हैलेकिन यूँ मायूस हो,नहीं रहना है। जिन्दगी भी हमारी है,हम ही इसके खिलाड़ी हैंहार या जीत,खुशियाँ या गम का संगीत…हमें ही फैसला ये … Read more