सृष्टि है नारी
रामनाथ साहू ‘ननकी’ मुरलीडीह(छत्तीसगढ) ************************************************************* नारी नहीं तो कुछ नहीं, नारी नरों की खान है। नारी हँसे तो जग हँसे, आँसू झरे तो वीरान है॥ ये सृष्टि है शुभ वृष्टि है, जीवन तृषा की तृप्ति है। उर में अँधेरा है बहुत, … Read more