बूँद-बूँद में गुम-सा…
सुनीता रावत अजमेर(राजस्थान) ************************************************************* बूँद-बूँद में गुम-सा है, ये सावन भी तो तुम-सा है बूँद-बूँद में गुम-सा है, ये सावन भी तो तुम-सा हैl एक अजनबी एहसास है, कुछ है नया,कुछ ख़ास है कुसूर ये सारा मौसम का है, बूँद-बूँद में गुम-सा है ये सावन भी तो तुम-सा हैll चलने दो मनमर्ज़ियाँ, होने दो गुस्ताखियाँ … Read more