मैं मदहोश न हो जाती क्यों-कर
सलिल सरोज नौलागढ़ (बिहार) ******************************************************************** न जाने किनका ख्याल आ गया। रूखे-रौशन पे जमाल आ गया। जो झटक दिया इन जुल्फों को, ज़माने भर का सवाल आ गया। मैं मदहोश न हो जाती क्यों-कर, खुशबू बिखेरता रूमाल आ गया। मैं मिट जाऊँगी अपने दिलबर पे, बदन तोड़ता जालिम साल आ गया। मेरे हर अंग पे … Read more