हर हाथ में रहे तिरंगा

अमल श्रीवास्तव  बिलासपुर(छत्तीसगढ़) ********************************************************************* हर हाथ में रहे तिरंगा, इन्कलाब की बोली हो। मातृभूमि की पावन रज से, शोभित माथे रोली हो॥ भारत तेरे टुकड़े होंगे, कहते हैं जो चीख-चीख…

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