हम तुम्हारे हो चुके

विवेकशील राघवहाथरस(उत्तरप्रदेश)*************************** काव्य संग्रह हम और तुम से प्रेम की बहती नदी के,हम किनारे हो चुके हैंlतुम हमारे हो चुके हो,हम तुम्हारे हो चुके हैंll भावना का आचमन कर,प्रीति पावन…

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