हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
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वक़्त चल रहा अपनी चाल,
हर समय हर प्रहर हर घड़ी
उसने चलना ही सिखाया हमें,
क्योंकि वक़्त ठहरता नहीं किसी के लिए।
संसार की इस जीवित सोच को,
इंसान कभी नहीं देखता है
अगर वह नहीं चलेगा वक़्त के साथ,
तो खत्म हो जाएगा सब कुछ
क्योंकि वक्त ठहरता नहीं किसी के लिए।
ज़िन्दगी के इन चार दिनों में,
बरसों की सोचने वालों
यह महल चौबारे बंगले सब यहीं रह जाएंगे।
यह शरीर का चक्र भी वक़्त के साथ आगे बढ़ता है और ढल जाता है,
क्योंकि वक़्त नहीं ठहरता किसी के लिए॥