जबरा राम कंडारा
जालौर (राजस्थान)
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‘विश्व हिंदी दिवस’ विशेष….
कहै सच मन की बात हिंदी,
है प्यार की बरसात हिंदी
सब धर्मों की यही चहेती,
बोल रही सभी जात हिंदी।
ऊपर-नीचे,आगे-पीछे,
वर्णों पर देती मात हिंदी
बोल रहे हैं बचपन से ही,
विरासत की सौगात हिंदी।
हर कोई भी बोले-समझे,
हँस करे मुलाकात हिंदी।
और भाषाएं कई जग में,
है अद्भुत करामात हिंदी।
और भाषाएं तन अंग-सी,
है मुख्य अवयव हाथ हिंदी
नौ-रस की बहती है धारा,
अलंकारी मुस्कात हिंदी।
और भाषाएं छुट-पुट चले,
सब बोल रहे दिन-रात हिंदी।
मीठी बेहद निर्मल वाणी,
संसार में विख्यात हिंदी॥
