कुल पृष्ठ दर्शन : 23

शीर्षस्थ हिन्दी कवि विनोद कुमार शुक्ल को ‘ज्ञान पीठ सम्मान’

दिल्ली। हिन्दी के शीर्षस्थ कवि, कहानीकार व उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल को भारतीय ज्ञानपीठ न्यास के सर्वोच्च सम्मान ‘ज्ञान पीठ सम्मान’ से अलंकृत किया जाएगा। ‘साहित्य अकादमी’ सम्मान से पूर्व में विभूषित श्री शुक्ल को इस सम्मान में ११ लाख ₹, प्रशस्ति-पत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाएगी।
जानकारी के अनुसार वर्ष २०२४ के लिए यह प्रतिष्ठित ५९ वाँ पीठ पुरस्कार उन्हें दिया जाएगा। श्री शुक्ल हिन्दी के १२वें और छत्तीसगढ़ के पहले साहित्यकार हैं, जिन्हें यह पुरस्कार मिलेगा। सुप्रसिद्ध कथाकार श्रीमती प्रतिभा राय की अध्यक्षता और चयन समिति के सदस्यों माधव कौशिक, दामोदर मावजो, प्रभा वर्मा, डॉ. अनामिका, डॉ. ए. कृष्णा राव, प्रफ्फुल शिलेदार, डॉ. जानकी प्रसाद शर्मा और पीठ के निदेशक मधुसूदन आनन्द द्वारा यह निर्णय लिया गया है।
ज्ञात हो कि श्री शुक्ल को पिछले वर्ष ही ‘पेन अमेरिका व्लादिमीर नाबाकोव अवॉर्ड फॉर अचीवमेंट इन इंटरनेशनल लिटरेचर-२०२३’ से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान पाने वाले आप पहले भारतीय एशियाई मूल के लेखक हैं। उपन्यास ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ हेतु ‘साहित्य अकादमी’ सम्मान से सम्मानित श्री शुक्ल अनेक महत्वपूर्ण पुरस्कारों से अलंकृत हैं तथा ५० वर्ष से अनवरत लेखन कर रहे हैं। आपका पहला कविता संग्रह ‘लगभग जय हिंद’ १९७१ में प्रकाशित हुआ था, एवं कहानी संग्रह ‘पेड़ पर कमरा और महाविद्यालय’ भी बहुचर्चित है, वहीं उपन्यास ‘नौकर की कमीज’ (फिल्म बनी है) हिंदी के श्रेष्ठ उपन्यासों में सम्मिलित हैं।
श्री शुक्ल को इस उपलब्धि के लिए हिन्दीभाषा डॉट कॉम परिवार तथा शहर की कईं साहित्यिक संस्थाओं ने हार्दिक बधाई व्यक्त की है।