इंदौर (मप्र)।
आज लग रहा है कि नायकों की परिभाषा बदल गई है और आज एक लेखक का नायक की तरह स्वागत किया जा रहा है। संग्रह की कविताएं पाठकों को जीवन की चुनौतियों के बीच भी आशा और सकारात्मकता से जोड़े रखेंगी।
मुख्य वक्ता पंकज सुबीर ने यह बात कही। अवसर रहा लेखिका कोमल रामचंदानी के काव्य संग्रह ‘जीवन बगिया महकाएंगे’ के विमोचन का, जो वामा साहित्य मंच के सौजन्य से हुआ। शुभारंभ माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलन के साथ मंचासीन अतिथियों ने किया।
मंच की प्रचार प्रभारी सपना साहू ‘स्वप्निल’ ने बताया कि वाग्देवी स्तुति वाणी जोशी ने प्रस्तुत की, जिसके बाद मंच की अध्यक्ष ज्योति जैन ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि लेखिका कोमल ने अपनी प्रेरणादायक यात्रा में आत्मविश्वास और सकारात्मकता के बल पर ‘फाइटर से राइटर’ बनने का सफ़र तय किया है। उन्होंने बताया कि किस तरह बड़ी बीमारी (कैंसर) के बाद, उन्होंने नई ऊर्जा से लेखन पथ पर आगे कदम बढ़ाए और अपने ‘जीवन की बगिया को महकाया’, जिससे खुशियों के पुष्प खिले हैं। जब तक जीवन है, हमें सकारात्मकता बांटते चलना चाहिए।
परिवार की पाती लेखिका के पिता मनोहर दरयानी ने पढ़ी। संग्रह की सबसे खास बात यह है कि इसका सुंदर चित्रांकन लेखिका की पुत्री दीया ने किया है। लेखिका ने कहा कि यह सकारात्मकता से भरी कविताओं का संग्रह है, जिसे उन्होंने आत्म-सुधार, जीवन को जीने के ढंग, कैंसर रोगियों और मानसिक दशा में सुधार के लिए लिखा है।
डॉ. भारत रावत ने भी काव्य संग्रह की भूरी-भूरी प्रशंसा की और उसे सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने वाली महत्वपूर्ण औषधि बताया।
अतिथि स्वागत मंजू मिश्रा और संदीप रामचंदानी ने किया।
सुव्यवस्थित संचालन डॉ. गरिमा दुबे ने किया। आभार प्रियंका मोक्षमार ने व्यक्त किया।
