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हिंदी मेरी भाषा

ममता बैरागी
धार(मध्यप्रदेश)

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सोचता हूँ तो गर्वित होता,
मैं इसी सोच में रहता।
भरती मन में जो है आशा,
देती कभी ना हमें निराशा।
वह कोई और नहीं है,
प्यारी मेरी है हिंदी भाषा॥

स्वयं माँ शारदा के मुख से निकली,
ब्रह्मा के मन में है उपजी।
बड़े-बड़े ऋषि मुनियों ने गाई,
इसकी महत्ता की बात समझाई।
हिंद यह मेरा देश है भाई,
सबको कहे,यहां ईश्वर से कहलवाई॥

राष्ट्र ही नहीं,पूरे विश्व की भाषा,
यह है हमारी नेक अभिलाषा।
इसके लिए हर हिन्दवासी,
करता,जतन,कहता है भाषा॥

परिचयममता बैरागी का निवास मध्यप्रदेश के धार जिले में है। आपकी जन्‍म तारीख ९ अप्रैल १९७० है। श्रीमती बैरागी को हिन्‍दी भाषा का ज्ञान है। एम.ए.(हिन्‍दी) एवं बी.एड. की शिक्षा प्राप्त करके कार्य क्षेत्र-शिक्षण(सहायक शिक्षक ) को बनाया हुआ है। सामाजिक गतिविधि-लेखन से जागरूक करती हैं। संग्रह(पुस्‍तक)में आपके नाम-स्‍कूल चलें हम,बालिका शिक्षा समाज,आरंभिक शिक्षा और पतझड़ के फूल आदि हैं। लेखनी का उदेश्‍य-समाज में जागरूकता लाना है। आपके लिए प्रेरणापुंज- पिता तथा भाई हैं। आपकी रुचि लेखन में है।