हैदराबाद (तेलंगाना)।
प्रशिक्षण…
हिंदी के प्रति आपकी आस्था और प्रेम के लिए सभी कटिबद्ध हैं। प्रशिक्षण शिविर के माध्यम से आपके व्यक्तित्व विकास, विभिन्न कौशलों के विकास तथा अध्ययन कार्य को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए हम प्रयासरत् हैं। हिंदीतर प्रांतों के होने के कारण मानक हिंदी बोलते, लिखते समय गलतियाँ होती हैं। भाषा पर अधिकार प्राप्त करने के लिए पहले हमें उस भाषा में सोचना प्रारंभ करना चाहिए।
यह बात आभासी मंच से केंद्रीय हिंदी संस्थान (आगरा) के निदेशक प्रो. सुनील बाबुराव कुलकर्णी ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कही। अवसर रहा केंद्रीय हिंदी संस्थान (आगरा) के हैदराबाद केंद्र द्वारा आंध्रप्रदेश राज्य के मॉडल स्कूल के माध्यमिक हिंदी अध्यापकों के प्रशिक्षण के लिए २-१४ सितंबर तक हैदराबाद केंद्र पर नवीकरण पाठ्यक्रम आयोजन का, जिसका उद्घाटन समारोह ३ सित. को हुआ। इस मौके पर मुख्य अतिथि पूर्व सह-निदेशक (दूरदर्शन, हैदराबाद) डॉ. पुट्टपर्ति नाग पद्मिनी उपस्थित हुई। आभासी पटल से क्षेत्रीय निदेशक प्रो. गंगाधर वानोडे, पाठ्यक्रम प्रभारी डॉ. फत्ताराम नायक, विशिष्ट अतिथि डॉ. योगेंद्रनाथ मिश्र, कार्यालय अधीक्षक डॉ. एस. राधा तथा डॉ. संदीप कुमार मंच पर उपस्थित रहे। पाठ्यक्रम में ३३ हिंदी अध्यापक प्रतिभागियों ने पंजीकरण किया। सर्वप्रथम मंचस्थ अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष द्वीप प्रज्ज्वलित किया। डॉ. पद्मिनी ने कहा कि आज हिंदी भाषा से आप सभी लोग जुड़े हैं उसकी सेवा कर रहे हैं। संस्थान में प्रशिक्षण हेतु आप लोगों को जो अवसर मिला है, आप बड़े भाग्यशाली हैं। आप शिक्षकों की भूमिका समाज में सर्वोपरि है। शिक्षक ही देश के भावी नागरिकों की आधारशिला रखते हैं। विशिष्ट अतिथि डॉ. योगेंद्रनाथ मिश्र ने कहा कि शिक्षक के जीवन में प्रश्नों का बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है। आपको छात्रों को प्रश्न करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। डॉ. नायक ने अतिथि स्वागत एवं परिचय दिया। डॉ. राधा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।