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उनकी तरह

नरेंद्र श्रीवास्तव
गाडरवारा( मध्यप्रदेश)
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बच्चे खेल रहे थे
क्रिकेट,
मैं पहुंच गया
और,
खेलने लगा क्रिकेट
उनके साथ,
उनकी तरह।

पौधारोपण,
कर रहे थे
कुछ लोग मिलकर,
मैं पहुंच गया
और,
करने लगा पौधारोपण
उनके साथ,
उनकी तरह।

एक चबूतरे पर,
हो रहा था
कीर्तन,
मैं पहुंच गया
और,
करने लगा कीर्तन
उनके साथ,
उनकी तरह।

सड़क के किनारे
एक पुलिया पर,
अकेले बैठे
बुजुर्ग के पास,
मैं पहुंच गया
और,
करने लगा बातें
उनके साथ,
उनकी तरह।

एक पल को लगा
जैसे मैं,
हवा हूँ
और,
बह रहा हूँ
हर तरफ,
या कि
उड़ रहा हूँ,
अनंत आकाश में
कहीं भी,
आजाद पंछी के साथ
उनकी तरह॥

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