डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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यह अतीत को भूलकर,
जीवंत श्रंगार को पाना है
इतिहास को भूलकर,
नया इतिहास हमें बनाना है।
नई सुबह नए अरमानों को,
जन्म देगी खूब यहां
खुशियां बिखेरने,
के साथ उत्सव-सी बरसात करेंगी
मस्ती से लीन रहेगी,
उमंग और उत्साह से खूब यहां।
यह इबारत लिखेगी और,
नया इतिहास रचेगी यहां
पुरानी बातें भूलकर,
नया इतिहास रचने की
जरूरत बनेंगी यहां।
आत्मग्लानि और प्रताड़ना से,
तंग आकर
नवयौवन स्वरूप को,
प्राकृतिक सौंदर्य व हमें
यश प्राप्त करना है यहां,
यह जीवन्त पल देंगी
सम्पूर्णता संग शान्ति,
दिल में उत्पन्न करेंगी
हमें उल्लासित मन से,
समृद्ध बनना है यहां।
घर-घर में ज़िन्दगी को,
नए उत्कर्ष के साथ
अनमोल उपहार संग,
नया इतिहास रचने के लिए,
मजबूत इरादों संग तेजी से
खूब आगे बढ़ने की शक्ति देंगी यहां,
ज़िन्दगी की खो गई परिणिती को
पुनः पाने की अद्भुत क्षमता,
व शक्ति प्रदान करेंगी खूब यहां।
आओ हम-सब मिलकर एक,
नवीनतम संग उन्नत प्रयास करें
नई सुबह का आदर और सम्मान से,
सत्कार करना सीखें,
और सम्मान देने का।
समुचित और उत्साहित,
संस्कार उत्पन्न करें यहां॥
परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।