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कवि दिनकर की रचनाओं से सच और साहस का प्रकाश मिला

इंदौर(मप्र)।

प्रसिद्ध कवि दिनकर सोनवलकर ऐसे कवि थे,जिनकी रचनाओं से हमेशा सच और साहस का प्रकाश फैला। उन्होंने कभी भी सच को सामने लाने में संकोच नहीं किया।
शुक्रवार को यह बात इंदौर में आयोजित स्मृति समारोह में अतिथियों के माध्यम से उभरी। मुख्य अतिथि इंदौर के साहित्यकार प्रो. सरोज कुमार ने कवि दिनकर की वह कविता सुनाई,जिसमें उन्होंने लिखा था फाइलों के पैर नहीं होते। वह चांदी के पहियों पर चलती है। प्रीतमलाल दुआ सभागृह में प्रो. कुमार ने कहा कि,एक समारोह में कवि से पूछा गया था कि आप किस विधा के कवि हैं,जवाब नहीं आया तो कवि दिनकर ने कहा था सुविधा के। इस तरह उन्होंने कभी भी सच को सामने लाने में संकोच नहीं किया।
साहित्य अकादमी,मप्र संस्कृति परिषद् (भोपाल) और दिनकर सृजन संस्थान (उज्जैन) के संयुक्त तत्वावधान में रामविलास शर्मा स्मृति समारोह और दिनकर सोनवलकर की २१वीं पुण्यतिथि पर ‘व्याख्यान,रचनापाठ और नृत्य नाटिका’ की प्रस्तुति कार्यक्रम में वे बोल रहे थे। अध्यक्षता साहित्यकार प्रमोद त्रिवेदी (उज्जैन) ने की। विशेष अतिथि सेवानिवृत्त आईएएस और वर्तमान में परामर्शी सलाहकार नर्मदा घाटी विकास(भोपाल) अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि,दिनकर जी महान कवि थे। उन्होंने समाज और व्यवस्थाओं के लिए लिखा।
अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने कहा कि,उन्होंने दिनकर जी को इस कार्यक्रम से जोड़कर एक अनूठा प्रयोग किया है।
आरंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित किया। नृत्य नाटिका दीक्षा सोनवलकर ने प्रस्तुत की। संयुक्त आयुक्त मप्र शासन व कवि दिनकर के पुत्र प्रतीक सोनवलकर तथा रतलाम की गायिका संगीता जैन ने कविता पर आधारित गीत प्रस्तुत किए। दिनकर सृजन संस्थान की अध्यक्ष डॉ. पंकजा सोनवलकर,सचिव आलोक गुप्ता भी मंचासीन थे।
कार्यक्रम में जयंत गुप्ता,बी.के. शर्मा,ए.के. गर्ग, वरिष्ठ पत्रकार मुकेश तिवारी,रंगकर्मी विजय बैरागी, कहानीकार प्रकाश कान्त,कवि अमेयकांत,स्टेट प्रेस क्लब,मप्र के अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल,उत्पल बैनर्जी,अपूर्वा जोशी,वीपी रिछारिया,सुनील पाठक, दिनकर सृजन संस्थान के सह सचिव अजय तिवारी आदि उपस्थित थे। संचालन संजय पटेल ने किया।

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