डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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रंग और हम(होली स्पर्धा विशेष )…
रंग-बिरंगे रंगों का,
यह उत्तम त्योहार है
वसंत पावन उत्सव का,
सर्वोत्तम उपहार है।
रंग-बिरंगे उपवन में,
यह शोभित दिखता
खूबसूरत त्योहार है,
सब कहते हैं
इसे खुशियों का संसार है।
बैर-दुश्मनी खत्म करने का,
यह सतरंगी संस्कार है
वसंत उत्सव यह लाता,
सर्वोत्तम सुलभ व्यवहार है।
पुआ,पुरी और मिठाई,
इसके अद्भुत रूप-रंग हैं
सबमें दिखती मिल्लत इस दिन,
सबमें रहती उमंग है।
दही बड़ा और गुलाबजामुन खाकर,
हम सब खुश होते हैं आज़ यहां
मित्र,पड़ोसी और शहरी सब,
खुशियाँ पाते अपार यहां।
घर-घर में खुशहाली दिखती,
सबमें दिखता प्यार है
पेडुकिया और रस मलाई,
खूब मिलती रसदार है।
रंग में संग भंग कर देता है,
बाबा का भंग जैसे
अनमोल आहार है,
पिचकारी और रंग पर
खूब सजता संसार है।
लाल-गुलाबी और हरा रंग,
खुशियाँ बिखेरती खूब उमंग
बच्चे,बूढ़े और युवा जन,
सबमें दिखता उत्साह
रहते सब मदमस्त मलंग।
पावन पर्व के शुभ अवसर पर,
मन मन्दिर में,
दिखता सुलगता प्यार है।
खुशियाँ लेकर आता यह,
रंगों का त्योहार है॥
परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।