सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
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गीता के गुण क्या कहूँ, गीता है गुण-खान,
जीवन जीने की कला,छिपा ज्ञान-विज्ञान।
छिपा ज्ञान-विज्ञान, सदा पढ़िए मन लाई,
सत-रज-तम गुण ज्ञान ,सदा ही है सुखदायी।
कह सरोज सुन सखा, कर्म कर लो मन लाई।
फल पर वश न अपना, गुण गीता के गाई॥
