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जब प्यार किसी से होता है

राधा गोयल
नई दिल्ली
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जब तरुण अवस्था आती है, तब मन में कुछ कुछ होता है,
सारी सुध-बुध खो जाती है, जब प्यार किसी से होता है
कोई कमी नहीं आती है नजर, हर बात लगे उसकी अच्छी,
तब यह भी समझना नहीं चाहते, नीयत गंदी है या अच्छी ?

जब प्यार किसी से होता है, परिवार से क्या लेना-देना ?
दोनों अपनी दुनिया में मगन, मोहक सपने बुनते रहना
सब बात लगे उसकी अच्छी, कोई कमी नहीं आती है नजर,
कोई कमी यदि होती भी है, उसमें भी खूबी आए नजर।

माँ-बाप की अनुमति लिए बिना, उससे मैंने कर ली शादी,
तब उसकी असलियत पता लगी, कर ली मैंने निज बर्बादी
जो भी कहता था झूठ था वह, लफ्फाजी वाली बातें थीं,
मुझको मोहित करने के लिए, उसकी ये सब प्रतिघातें थीं।

मैं अमीर शहजादी, मात-पिता की इकलौती बेटी
बस यही सोच कर उसने मुझ पर प्यार की फेंकी थी गोटी
जब प्यार किसी से होता है, क्यों अक्ल पर पर्दा पड़ता है ?
मात-पिता की समझाइश का, कोई फर्क नहीं पड़ता है।

जब प्यार किसी से होता है, केवल वही प्यारा लगता है,
कोई यदि कुछ समझाता है, वो जहर सरीखा लगता है।
अब पछताने से क्या होगा, अब तो जीवन भर रोना है,
जाँचें-परखे बिन प्यार किया, तो अब जीवन भर ढोना है॥