कुल पृष्ठ दर्शन : 7

‘टूटा है अब मौन’ के प्रेमगीतों को बताया दार्शनिक गहराई वाला

मुम्बई (महाराष्ट्र)।

अंधेरी पश्चिम स्थित मणिबेन नानावटी महिला महाविद्यालय में ‘हिंदी दिवस’ मनाया गया। इस आयोजन में डॉ. नीलिमा पाण्डेय की पुस्तक ‘टूटा है अब मौन’ (डॉ. नीलिमा पाण्डेय) प्रेमगीत काव्य संग्रह पर चर्चा रखी गई। अधिकतर अतिथियों ने इसे दार्शनिक गहराई वाली पुस्तक निरूपित किया।
महाविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रवक्ताओं के साथ ही मुख्य भूमिका में रविन्द्र कात्यायन रहे, जिनके नेतृत्व में विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। अतिथियों का स्वागत पुस्तक देकर किया गया। तत्पश्चात श्री कात्यायन ने अतिथियों का परिचय दिया और डॉ. पाण्डेय का परिचय देते हुए काव्य पाठ के लिए आमंत्रित किया।
इसके बाद डॉ. हूबनाथ पाण्डेय ने वक्तव्य देते हुए भाषाओं का महत्व बताया और हिंदी भाषा को जनसामान्य की प्रिय भाषा कहा। आपने ‘टूटा है अब मौन’ को हिंदी साहित्य की आवश्यक पुस्तक कहा। इसी क्रम में प्रो. दयानंद तिवारी ने हिंदी में करियर की संभावनाएं बताते हुए काव्य संग्रह को प्रेमग्रंथ की संज्ञा दी। डॉ. सुशीला तिवारी ने वृहद वक्तव्य देते हुए महादेवी वर्मा, कबीर, दुष्यंत के काव्य से समानता बताते हुए ‘टूटा है अब मौन’ के गीतों की गूढ़ता को भी स्पष्ट किया। कई छात्राओं ने इस पुस्तक से काव्य पाठ तथा नाटक का मंचन किया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि लक्ष्मीकांत कमल नयन, राकेश त्रिपाठी, कृतायन पाण्डेय व वैष्णवी तिवारी उपस्थित रहे।

संचालन नीलू सिंह का था। प्राचार्या डॉ. राजश्री त्रिवेदी ने आभार व्यक्त किया।