बबिता कुमावत
सीकर (राजस्थान)
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दुखों की कहानी
एक अनकही दास्तान,
लेकिन दुखों में भी
एक उम्मीद की किरण,
एक शुरूआत की संभावना
दुखों से सीखकर
नई राह ढूंढना।
नये जीवन की शुरूआत
की कहानी खोजना,
एक नई सुबह की प्रतीक्षा में
जीवन की सच्चाई को समझना।
दु:ख के साए में ही
जीवन की राहों को बनाना,
दुखों की कहानी को
दिल की गहराई में दबाना।
एक अनजान-सी दुनिया में,
कठिनाइयों की पहाड़ियाँ
आँसुओं की नदियों में,
स्वयं को डुबो देना।
दुखों की गहराई में
दुखों को ढूंढना,
स्वयं दुखों में डूबकर
मर जाना है।
ये ही जीवन की सच्चाई को,
समझना है॥