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नटखट माखनचोर

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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नटखट माखनचोर ये, राधा के गोपाल।
श्याम सलोना नंद के, ब्रज के बंशी लाल॥
ब्रज के बंशी लाल, सभी के हृदय समाते।
नंद दुलारे श्याम, गोपियों के मन भाते॥
कहे ‘विनायक राज’, धेनु सह चलते झटपट।
देखो बैठ कदम्ब, बजाते मुरली नटखट॥