डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’
जोधपुर (राजस्थान)
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नशा मुक्त देश बनाओ,
हर दिल में ये दीप जलाओ
नशा एक अभिशाप है,
इसको जल्दी दूर भगाओ।
नशा बहुत जहरीला है,
उम्र को खा जाता है
बर्बाद आँसुओं के भँवर में,
इन्सां जो फंस जाता है।
मुसीबतों और तक़लीफों की,
भरमार से जीवन भी दुश्वार है
इसी लिए नशा बहुत बेक़ार है,
नशे की लत को छोड़ो।
नशे की जंजीरों को तोड़ो,
नशा मुक्त अभियान से जुड़ें,
जोड़ें नशे के चक़्क़र में नुकसान,
हर इन्सान फंसा है, नशा छोड़ें।
किसी को अहंकार का नशा,
किसी को बात का नशा
किसी को गद्दी का नशा,
किसी को मान-मर्यादा का नशा।
किसी को ज्ञान का नशा,
किसी को दौलत का नशा
किसी को शौहरत का नशा,
किसी को रिश्तों का नशा।
किसी को सम्मान का नशा,
किसी को धर्म का नशा
किसी को जाति-भेद का नशा,
किसी को पद-प्रतिष्ठा नशा।
किसी को प्यार का नशा,
नशे की परिभाषा को कोई
आँक न सकता जीवन क्या है,
ये कोई जान नहीं सकता।
नशा अच्छा हो तो नशा करो,
अगर बुरा नशा है तो इससे डरो
नशे के बहुत ही प्रकार,
नशे का सदा करो संहार।
नशा लत है बुरी, ये हे तीखी छुरी,
मत उलझो इस उलझन में
नशे में है ये जमाना,
इस नशे से पीछा छुड़ाना।
नशा शराब का हो, ‘चरस’ का हो,
या ‘गांजे’ का हो या ‘स्मेक’ का’ बुरा है
काला अन्धेरा है काली सुरंग है,
मान जाओ, अपने हित को पहचान जाओ।
ऐसा अनर्थ ना हो,
जीवन खुद का नर्क ना हो।
हर दिन ये संकल्प करो,
नशा मुक्त केंद्र से संपर्क करो॥