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पिया के संग

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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यह साथ नहीं,
ज़िन्दगी की
सबसे प्यारी मुलाकात है,
पिया के संग
देती सुकून सौगात है।

यह सबसे सुंदर,
हृदय पुष्प से
निकलने वाली,
प्यार की ध्वनि है
दिलों को मिलती,
खूब खुशियाँ
लगती मन में उठती,
प्रेम की मणि है।

सारी रूबाइयों को,
यह संग खत्म कर
देती है,
जीवन में खुशहाली
लाने में खूब,
उत्साह भर देती है।

ग़म की तन्हाईयां,
खत्म करने में
यह साथ मदद,
करती है
सारी परेशानियां,
पल भर में निगल
लेती है।

खुशियों का समन्दर है,
देती है साथ जबरदस्त
ग़म को मिटा देती है,
बनाकर तन्दरूस्त।

यह मिलन पर्व है,
ज़िन्दगी का स्वर्ग है
पिया के संग बिना,
दर्द ही दर्द है।

ज़िन्दगी में सबसे,
विश्वसनीय उपहार है
दुःख-सुख में साथ,
मिलता अपार है।

प्यार और स्नेह का,
संयुक्त मिश्रण है
जीवन मंत्र का,
सर्वोत्तम आकर्षण है।

पिया का साथ ,
जीवन में खुशियों के रंग
भर देता है,
साथ छूटे तो
ग़म का सैलाब,
ज़ोर से उमड़ने
लगता है।

पिया के संग,
प्यार और स्नेह संग
अटूट विश्वास का,
सुन्दर पवित्र व सम्बल
गठबंधन है।
जगत संसार में,
उत्साह से किया जाता
अभिनन्दन है॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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