सच्चा मित्र

प्रो. लक्ष्मी यादवमुम्बई (महाराष्ट्र)**************************************** राघव अपनी कक्षा का एक होनहार विद्यार्थी था, सभी शिक्षक उसकी तारीफ़ करते न थकते। सभी कार्यों में निपुण था, लेकिन कहते हैं न कि, ईश्वर…

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दाग

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’इन्दौर(मध्यप्रदेश)************************************ बैग में रखा मोबाइल जोर-जोर से बज रहा था…वनिता का ध्यान उस ओर गया, उसका छोटा-सा एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उसके चेहरे पर चोट लगने…

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होली आई, खुशियाँ लाई

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** चिड़ियों का कलरव शुरू ही हुआ था, निशा लुप्त होने की कगार पर खड़ी थी। कुछ देर बाद सूरज भी अपना पैर पसार ही लेता। जीवन संगीत…

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बिखरे मोती

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** बनी-बनाई चीजों को तोड़ना और फिर जोड़ के देखना, छोटे भाई के खिलौने को लेकर दूर भाग जाना, कभी स्विच बोर्ड पर हाथ फेरना, तो कभी गैस…

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पश्चाताप

प्रो. लक्ष्मी यादवमुम्बई (महाराष्ट्र)**************************************** वेदिका अपने परिवार के साथ बहुत खुश थी। उसके परिवार में १ बेटा और १ बेटी थी। पति अनुज बिज़नेसमैन थे, तो वेदिक़ा भी सरकारी बैंक…

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प्रेम पगा उपहार

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** एक सप्ताह बाद 'वैलेंटाइन-डे' है। नरेश मन ही मन सोच रहा था कि, इस साल पत्नी नेहा को क्या तोहफा दे, जिससे वह खुश हो जाए। इसी…

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अधूरा सपना

प्रो. लक्ष्मी यादवमुम्बई (महाराष्ट्र)**************************************** मधु आज बहुत ख़ुश थी, क्योंकि उसके कॉलेज में फ़ेयरवेल पार्टी थी। वह खुश इसलिए थी, क्यूँकि उसे नए कपड़े पहनने को मिलेंगे और अच्छा खाना…

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बेचारी हिन्दी

हेमराज ठाकुरमंडी (हिमाचल प्रदेश)***************************************** 'विश्व हिन्दी (१० जनवरी) विशेष'... "अजी सुनते हो क्या ? देखना कौन आया है ?" -किवाड़ों के अन्दर से देशी अंदाज में हिन्दी बोली। "अजी कौन…

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जमीन

डोली शाहहैलाकंदी (असम)************************************** गंगा प्रसाद बचपन से ही एक रईस दबंग खानदान से ताल्लुक रखता था। वह पुरखों की बनाई हुई चाय बागान की ही थोड़ी बहुत देखभाल करता और…

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सम्मान

प्रो. लक्ष्मी यादवमुम्बई (महाराष्ट्र)**************************************** राजीव शहर का प्रसिद्ध बिज़नेसमैन था। अपार धन सम्पति थी, कमी थी तो संस्कार, सभ्यता और मानवता की। छोटा हो या बड़ा, वह किसी को कुछ…

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