रोहतक (हरियाणा)।
बाबा मस्तनाथ विवि रोहतक (हरियाणा) के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बाबूराम के नेतृत्व में ‘हिन्दी दिवस’ निमित्त साहित्यिक कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर विवि के उपकुलपति डॉ. वर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मंगल गुप्त ने उन साहित्यकारों को सम्मानित किया, जिनके साहित्य पर विवि के छात्रों ने शोध किया है।
आयोजन में सूर सम्मान से सम्मानित डॉ. मधुकांत (रोहतक), प्रेरणा संस्था के संचालक व साहित्यकार डॉ. जयभगवान सिंगला, साहित्य अकादमी की पूर्व निदेशक डॉ. मुक्ता, साहित्य अकादमी से अनेक पुरस्कारों से सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. शील कौशिक, रामफल खटकड़, श्रीमती सरोज दहिया, डॉ. ज्ञानी देवी व डॉ. सत्यवीर निराला आदि को उनके साहित्य पर हुए शोध प्रबंध की प्रति, स्मृति चिन्ह एवं शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया गया। रोहतक के साहित्यकारों प्रो. शामलाल कौशल, आशा खत्री ‘लता’, अर्चना कोचर व कृष्ण लाल गिरधर को भी प्रज्ञा साहित्य मंच की ओर से सम्मानित किया गया।
उद्बोधन में उप-कुलपति ने बताया कि उक्त सभी शोध प्रबन्धों की पुस्तकें प्रकाशित की जाएंगी। उन्होंने हिंदी के अध्ययन को रोजगारोउन्मुख बनाने पर जोर दिया।
डॉ. गुप्त ने बहुत ही प्रेरक उद्बोधन में कहा कि आजकल सरकारी स्तर पर हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा मिल रहा है। दृढ़ इच्छाशक्ति से हिंदी प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा और अपने संस्कारों से जुड़े रहकर ही हम अपनी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा की ध्वजा विश्व में फहरा सकते हैं।
अध्यक्ष डॉ. बाबूराम ने विवि द्वारा करवाए जा रहे शोध प्रबन्धों पर प्रकाश डाला। प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. हरिश्चंद्र वर्मा के सुपुत्र डॉ. संजीव वर्मा ने महाविद्यालय के पुस्तकालय को १५०० पुस्तकें अलमारियों सहित भेंट की। उन्होंने आयोजन में डॉ. मधुकांत के सहयोग की चर्चा करते हुए आभार जताया।
डॉ. सुमन ने कुशल मंच संचालन किया।