- सरोज प्रजापति ‘सरोज’
मंडी (हिमाचल प्रदेश)
***************************************
बिटिया रानी, मेरी प्यारी,
सूरत सबसे प्यारी-प्यारी
करती चुलबुली, नटखट-सी
बिटिया रानी बुलबुल-सी।
बतियाती सताती बहलाती,
नाच-गा कर सबको हँसाती
ठुमक-ठुमक कर लुका-छुपी,
पहने पायल, छम-छम करती।
बातें उसकी मानों सठियाय,
लगती जानें, सूरत सयानी
रिझाती सबको बात ही बात,
काम मनवाती आँख ही आँख।
पहनावा हरदम छबीला चाहे,
मटक-मटक सबको हुलावे
तोतली बोली, किसे सुझावे,
झटपट सटपट, सरपट दौड़े।
रूठे जब भी कौन मनाए,
मुँह फुलाकर दुबकी जाए
खामोश सारा आलम होवे,
दादाजी ‘गुड़िया’ बुलावे।
मनाएं मनाएं थक-थक जाएं,
टस से मस गुड़िया न होवे
बाबू जी नया खिलौना लाएं,
भोली गुड़िया दौड़ी आए।
रूठी गुड़िया मन न भाए,
चाहे चंद खिलौना चाहे।
सबकी निगाहें थम-थम जाए,
प्यारी बिटिया सब दिल भाए॥
परिचय-सरोज कुमारी लेखन संसार में सरोज प्रजापति ‘सरोज’ नाम से जानी जाती हैं। २० सितम्बर (१९८०) को हिमाचल प्रदेश में जन्मीं और वर्तमान में स्थाई निवास जिला मण्डी (हिमाचल प्रदेश) है। इनको हिन्दी भाषा का ज्ञान है। लेखन विधा-पद्य-गद्य है। परास्नातक तक शिक्षित व नौकरी करती हैं। ‘सरोज’ के पसंदीदा हिन्दी लेखक- मैथिली शरण गुप्त, सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ और महादेवी वर्मा हैं। जीवन लक्ष्य-लेखन ही है।
