सोनीपत (हरियाणा)।
कल्पकथा साहित्य संस्था की २१५वीं साप्ताहिक आभासी काव्य गोष्ठी में लगातार ‘वन्दे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ व नारे गूंजते रहे। ५ घंटे से अधिक समय तक हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रयागराज से विद्वान साहित्यकार डॉ. अर्जुन गुप्ता गुंजन ने की। कोंच जालौन के आशुकवि भास्कर सिंह ‘माणिक’ ने मुख्य अतिथि का पद-भार सम्हाला।
संस्था परिवार की संवाद प्रभारी ज्योति राघव सिंह ने बताया कि पवनेश मिश्र के मंच संचालन में आयोजन का शुभारंभ विजय रघुनाथराव डांगे द्वारा संगीतमय गुरु वंदना के साथ किया गया। उसके बाद तो ४५ से अधिक काव्य रचनाओं की प्रस्तुति में देश प्रेम भावना से की अलग- अलग रचनाओं ने कार्यक्रम को सुवासित कर दिया।
पं. सुंदरलाल जोशी ने महाराणा प्रताप के शौर्य को नमन करते हुए कहा “ऐसा यौद्दा कहाँ मिलेगा भोजन दे दे थाली का, युद्ध भूमि में राणा कूदे आशीष लेकर काली का।” डॉ. श्याम बिहारी मिश्र ने मातृभूमि को वंदन करते हुए कहा “मातृभूमि की यादें सबको भाती हैं, घनीभूत स्मृतियाँ पास बुलाती हैं।” अमित पण्डा ने ऑपरेशन सिंदूर को याद दिलाते हुए “जाग गई है आज भवानी छुप जाओ अब बिल में, बोटी -बोटी रह जाने का खौफ रहेगा दिल में”
सुनाई तो डॉ. अंजू सेमवाल ने रचना ‘भारत देश’ में देश को नमन करते हुए कहा कि “भारत देश के चरणों में नित झुकता शीश हमारा है, अपनी जान से भी प्यारा यह हमको देश ही प्यारा है।” प्रमोद पटले ने “मेरे देश की मिट्टी” में कहा, “मैं राष्ट्र को समर्पित सर्वस्व न्यौछावर करता हूँ।” विजय डांगे ने देशभक्ति की अलख जगाते हुए गाया “मेरे देश भारत की भक्ति प्यारी है, श्री राम की रचना युग-युग की छवि प्रकृति न्यारी है।”
ऐसे ही संध्या श्रीवास्तव ‘साँझ’ ने “भारत की महिमा अनुपम खिलते पर्वों के पुष्प यहाँ” सहित ज्योति प्यासी, भास्कर सिंह माणिक, बिनोद कुमार पाण्डेय, सत्यम सिन्हा, भगवानदास शर्मा, डॉ. शशि जायसवाल, योगेश गहतोड़ी, रेनू शर्मा, डॉ. मंजू शकुन खरे, राधाश्री शर्मा आदि ने भी कार्यक्रम को स्वर दिया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. गुप्ता ने सभी कलमकारों को भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए राधे श्यामी छंद में “मैं भारत हूँ, भारत हूँ मैं, भारत का मर्म सुनाता हूँ” काव्य से पूरे परिदृश्य को जोड़ दिया। मुख्य अतिथि ‘माणिक’ ने कल्पकथा परिवार के साहित्यिक कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए आयोजन को सफल बताया।
संस्थापक राधा श्री शर्मा ने सभी सृजनकारों का आभार प्रकट किया।