श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
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माता के नौ रंग (नवरात्रि विशेष)…
भाग्य से जन्म हुआ है धरा में,
जहाँ माता दुर्गा का स्थान है
चारों दिशाओं में देव-देवालय,
माँ दुर्गा देवी का स्थान है।
हम सभी भारतीयों के घर में,
अष्टभुजा माता का स्थान है
ममतामयी है माता शेरावाली,
अपने पुत्रों में उनकी जान है।
सुन्दर रूप सुहावना माँ का,
अद्भुत उनकी छटा निराली
पुत्रों के घर आज आ गई हैं,
वरदानी मेरी माता शेरावाली।
माता दुर्गा जी के माथे की,
बिन्दिया चमक रही है ऐसे।
अद्भुत किरण झलक रही है,
सूर्योदय का प्रकाश हो जैसे॥
परिचय– श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है |