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शिक्षण में मातृभाषा की बहुत बड़ी भूमिका

व्याख्यान…

हैदराबाद (तेलंगाना)।

बालक के शिक्षण में मातृभाषा की बहुत बड़ी भूमिका है। इसी मनोविज्ञान के आधार पर सरकार ने नई शिक्षा नीति-२०२० बनाई है, जिसका उद्देश्य सभी को शत-प्रतिशत भविष्यपरक व रोजगारपरक शिक्षा देना है। अब आरंभिक शिक्षा स्थानीय भाषा या मातृभाषा में होगी और भारत की अन्य भाषाओं से जब चयन का अवसर मिलेगा तो संभव है अभिभावक अपने बालकों के लिए देश की राजभाषा का चयन करें। उच्च शिक्षा भी मातृभाषा तथा राजभाषा में करने की व्यवस्था रहेगी। इससे हिंदी में कामकाज करने की दिक्कतों का समाधान हो पाएगा।
रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत भारत सरकार के उद्यम मिश्र धातु निगम लिमिटेड (मिधानि) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. संजय कुमार झा की अध्यक्षता में हिंदी दिवस समारोह-२०२२ के समापन के उपलक्ष्य में ‘नई शिक्षा नीति:मातृभाषा और राजभाषा’ विषय पर आयोजित व्याख्यान में यह बात मुख्य वक्ता प्रो. शकीला खानम (अधिष्ठाता,
कला संकाय, डॉ. बी.आर आम्बेडकर सार्वत्रिक विश्वविद्यालय) ने कही। अध्यक्षीय भाषण में डॉ. झा ने कहा कि आरंभिक शिक्षा मातृभाषा में करने के बाद विद्यार्थी को उच्च शिक्षा के लिए अंग्रेजी भाषा में पढ़ाई करना काफी कष्टकर होता है। वह मेहनत से अंग्रेजी सीखता है और फिर जब कार्यालय में काम करने आता है तो उसे राजभाषा हिंदी में काम करने की आवश्यकता होती है, तो हिंदी भी सीखनी पड़ती है, किंतु हिंदी शिक्षण योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करके कर्मचारी अपना कामकाज हिंदी में करने के लिए कार्यसाधक ज्ञान अर्जित कर सकते हैं। मिधानि के कर्मचारी निर्धारित प्रतिशत के अनुसार कार्यसाधक ज्ञान अर्जित कर चुके हैं। अपनी मातृभाषा में दक्ष होने के साथ-साथ देश की राजभाषा में भी संप्रेषण के लिए सक्षम होने की संभावनाएँ अवश्य ही बढ़ जाएँगी।
कार्यक्रम में अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, मुख्य सतर्कता अधिकारी तथा मुख्य अतिथि ने हिंदी पक्षोत्सव के अवसर पर आयोजित शब्दावली, निबंध, प्रेरक प्रसंग और प्रश्नमंच प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कारों से सम्मानित किया। प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले वाईड प्लेट मिल को ट्रॉफी ‘मिधानि राजभाषा गरिमा पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया, साथ ही हिंदी में
कामकाज करने वाले ५० कर्मचारियों को नकद पुरस्कार तथा प्रमाण-पत्र दिए गए। निर्णायकों को भी स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।

आरंभ में प्रवीण एस. वारद (उप महाप्रबंधक, भंडार) तथा डॉ. सौरभ दीक्षित (वरि. प्र.-एएमडी) ने हिंदी दिवस पर जारी गृह मंत्री और रक्षा मंत्री के संदेश का वाचन किया। इस अवसर पर रोहित निगुडकर (उ.म.प्र.-वित्त एवं लेखा) ने स्वरचित कविताओं का वाचन किया। कार्यक्रम में हिंदी अनुभाग की अवर कार्यपालक डी.वी. रत्ना कुमारी का सक्रिय सहयोग रहा।

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