सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
**********************************
जन्मदिवस का शुभ दिन आया
खिली रात की रानी है,
मंद-सुगंध पवन है बहती
आयी शरद सुहानी है।
खट्टी-मीठी प्यारी यादें
उर में वीणा के तार बजे,
जीवन की इस भाग-दौड़ में
अनुपम-सा उपहार सजे।
लिखी कहानी चार दशक की
दशक आधा और बिता आए,
बढ़ते जाते कदम जो आगे
अनुभव बहुत जुटा पाए।
बीते वर्ष सुहाने क्षण वो
हृदय पटल पर एक-एक आए,
तोड़ पुराने बंधन सारे
आगे को तुम बढ़ते आए।
रखना सौम्य भाव तुम मन में,
क्षमाशील सुखमय जीवन हो।
नूतन दीप जलाना पुलकित,
प्रखर प्रशस्त तुम्हारा पथ हो॥
