डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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अनुभूति और सहानुभूति,
संवेदनाओं का कहलाता संस्कार है
पृथ्वी पर सहर्ष प्रेम का,
एक उन्नत व्यवहार है।
यह अपनत्व और लगाव का,
सुलभ सुन्दर संकेत देता है
जन-जन तक यह खुशियाँ,
बिखेरने में खूब उत्साह,
पैदा करने में मदद करता है।
यह ज्ञान का एकमात्र,
अद्भुत व अपूर्व द्वार है
व्यवहार और अनुशासन का,
सर्वोत्तम उपहार है।
भावों की उत्तेजना संवेदना,
का एक अपूर्व रूप कहलाता है
मुश्किल वक्त में तन्हां रहने वाले को,
हृदय से मजबूत बनाता है।
संवेदना ज्ञान के लिए,
उत्तरदायित्व का उत्तम प्रकार है
सहभागिता और अनुभूति देने का,
सर्वोत्तम संस्कारित उत्तम उपचार है।
हमें मजबूत इरादों से सना,
खुशहाली और मिल्लत का
खूबसूरत और बेमिसाल वातावरण,
बनाने की दरकार है।
अपनत्व और लगाव रखने में,
संवेदनाओं की बड़ी दरकार है
आओ हम-सब मिलकर यहां एक,
उत्तम और सात्विक व्यवहार
बनाने में मुस्तैदी से लग जाएं।
सर्व-धर्म समभाव रखते हुए,
आपसी मतभेद मिटाकर
अपने-अपने हृदय में सबको बसाएं॥
परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।