अमल श्रीवास्तव
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)
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मानव को मानव जीवन में,
मानवता का धर्म सिखाएं
राह छोड़ ‘पथ भ्रष्ट’ हुए जो,
उन सबको सन्मार्ग दिखाएं।
पथ से भटके हुए लोग ही,
दुनिया में कोहराम मचाते
नीति, नियम, संयम, मर्यादा,
का हरदम मखौल उड़ाते।
कर अनीति का अन्त जहां में,
अति अनुपम सौंदर्य जगाएं।
राह छोड़ ‘पथ भ्रष्ट’ हुए जो,
उन सबको सन्मार्ग दिखाएं…॥
अब कोई दुर्योधन, रावण,
नहीं कर सकेगा मनमानी
हनूमान, अर्जुन, गाएंगे,
राम, कृष्ण की अमर कहानी।
प्रबल-पराक्रम का अपने हम,
सारे जग में बिगुल बजाएं।
राह छोड़ ‘पथ भ्रष्ट’ हुए जो,
उन सबको सन्मार्ग दिखाएं…॥
शौर्य राम का, त्याग भरत का,
सेवा भाव लखन से लेकर
सीता-सा गृहणीत्व संजोए,
इस धरती के हर नारी-नर।
यही सत्य संकल्प हमारा,
हर प्राणी को सुख पहुंचाएं।
राह छोड़ ‘पथ भ्रष्ट’ हुए जो,
उन सबको सन्मार्ग दिखाएं…॥
जगत पुनः अनुदान चाहता,
जो हमने अनवरत दिए हैं
धर्म क्षेत्र में, कर्म क्षेत्र में,
गीता की सौगंध लिए हैं।
व्याकुल कभी न हों भय से हम,
नहीं निराशा मन में लाएं।
राह छोड़ ‘पथ भ्रष्ट’ हुए जो,
उन सबको सन्मार्ग दिखाएं…॥
षड्यंत्रों की, दुष्चक्र की,
सारी चाल मिटानी ही है
बुद्धि, भाव, चिंतन, चरित्र की,
सारी धुंध उड़ानी ही है।
स्वयं सत्यपथ पर चल सबको,
चलने का संदेश सुनाएं।
राह छोड़ ‘पथभ्रष्ट’ हुए जो,
उन सबको सन्मार्ग दिखाएं॥
सही राह में लाना इनको,
पूजा, भक्ति और तर्पण है
असत मिटाना अखिल विश्व से,
वंदन, आराधन, अर्चन है।
पथ से भटके हुए पथिक को,
उनकी मंजिल तक पहुंचाएं।
राह छोड़ ‘पथ भ्रष्ट’ हुए जो,
उन सबको सन्मार्ग दिखाएं…॥
हो प्रतिकूल परिस्थिति फिर भी,
चलें न किंचित भी घबराएं
सुप्त जगाएं, गिरे उठाएं,
मार्ग बता, पुरुषार्थ जगाएं।
नीति पंथ पर संकल्पित हो,
रूकें नहीं, बढ़ते ही जाएं।
राह छोड़ ‘पथ भ्रष्ट’ हुए जो,
उन सबको सन्मार्ग दिखाएं…॥
परिचय-प्रख्यात कवि,वक्ता,गायत्री साधक,ज्योतिषी और समाजसेवी `एस्ट्रो अमल` का वास्तविक नाम डॉ. शिव शरण श्रीवास्तव हैL `अमल` इनका उप नाम है,जो साहित्यकार मित्रों ने दिया हैL जन्म म.प्र. के कटनी जिले के ग्राम करेला में हुआ हैL गणित विषय से बी.एस-सी.करने के बाद ३ विषयों (हिंदी,संस्कृत,राजनीति शास्त्र)में एम.ए. किया हैL आपने रामायण विशारद की भी उपाधि गीता प्रेस से प्राप्त की है,तथा दिल्ली से पत्रकारिता एवं आलेख संरचना का प्रशिक्षण भी लिया हैL भारतीय संगीत में भी आपकी रूचि है,तथा प्रयाग संगीत समिति से संगीत में डिप्लोमा प्राप्त किया हैL इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकर्स मुंबई द्वारा आयोजित परीक्षा `सीएआईआईबी` भी उत्तीर्ण की है। ज्योतिष में पी-एच.डी (स्वर्ण पदक)प्राप्त की हैL शतरंज के अच्छे खिलाड़ी `अमल` विभिन्न कवि सम्मलेनों,गोष्ठियों आदि में भाग लेते रहते हैंL मंच संचालन में महारथी अमल की लेखन विधा-गद्य एवं पद्य हैL देश की नामी पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएँ प्रकाशित होती रही हैंL रचनाओं का प्रसारण आकाशवाणी केन्द्रों से भी हो चुका हैL आप विभिन्न धार्मिक,सामाजिक,साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं से जुड़े हैंL आप अखिल विश्व गायत्री परिवार के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। बचपन से प्रतियोगिताओं में भाग लेकर पुरस्कृत होते रहे हैं,परन्तु महत्वपूर्ण उपलब्धि प्रथम काव्य संकलन ‘अंगारों की चुनौती’ का म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मलेन द्वारा प्रकाशन एवं प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री सुन्दरलाल पटवा द्वारा उसका विमोचन एवं छत्तीसगढ़ के प्रथम राज्यपाल दिनेश नंदन सहाय द्वारा सम्मानित किया जाना है। देश की विभिन्न सामाजिक और साहित्यक संस्थाओं द्वारा प्रदत्त आपको सम्मानों की संख्या शतक से भी ज्यादा है। आप बैंक विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ. अमल वर्तमान में बिलासपुर (छग) में रहकर ज्योतिष,साहित्य एवं अन्य माध्यमों से समाजसेवा कर रहे हैं। लेखन आपका शौक है।