अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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मुंशी प्रेमचंद पुण्यतिथि विशेष…

रचा ‘गोदान’,
महा लेखक मुंशी-
प्रेरक ज्ञान।
कथा सम्राट,
लिखा ही क्रांतिकारी-
फकीरी ठाठ।
दिक्कत गढ़ी,
रहा लेखन दर्द-
कलम बड़ी।
‘सेवासदन’,
प्रतिभा ऊर्दू-हिंदी-
करूं वंदन।
लेखनी वार-
नहीं प्रमोद बस-
कुरीति वार।
वर्ग शोषित,
लिखा खूब निडर-
किया प्रेरित।
दे ‘बूढ़ी काकी’,
किया लोक सुधार-
बनाई ‘झाँकी।’
रचा ‘सम्राट’,
‘ईदगाह’ से ज्ञान-
बसेरा खाट।
हिंदी कहानी,
‘कर्मभूमि’ से ‘सौत’-
यूँ जिंदगानी।
साहित्य मान,
हिंदी दिया विस्तार-
लेखन शान॥