डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती
बिलासपुर (छतीसगढ़)
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स्नेह के धागे…
भाई-बहन के प्यार का यह अटूट बंधन,
स्नेह ममता सुरक्षा का राखी बंधन
पूर्णिमा के उज्जवल चाँद की छटा,
उत्सव आलोकित हो, थम जाएं घटा।
दूर हो हर ग्लानि, संताप और दु:ख,
भाइयों के लिए दीर्घायु जीवन की कामना करें हम
उनके रास्ते से विपदा और आपदा हो जाए दूर,
रक्षा सूत्र पहना कर भाइयों को टीका करती बहनें।
आशीर्वाद और मंगल कामना, इस शुभ दिन में करें प्रार्थना
कि एक सच्चा भाई हमेशा हमको जीवन में मिले
बहन के सम्मान और रक्षा के लिए हमेशा आगे आए,
अब और ना हो किसी द्रोपदी का चीरहरण।
न ही कोई बेटी की अस्मिता पर आंच आए ‘निर्भया’ की तरह,
मूक दर्शक बनकर मोमबत्ती जुलूस में खड़े न रहकर
बहन-बेटियों की सुरक्षा में हमेशा आगे आए हर पुरूष,
कन्या भ्रूण हत्या पर बने कड़े कानून।
बहनों की सुरक्षा और भाइयों की दीर्घायु की प्रार्थना करें हम,
राखी पूर्णिमा में ज्ञान दीप आलोकित करें इस संसार में
बहनों के बिना क्या रक्षाबंधन संभव है ?,
ये बचपन से लेकर बुढ़ापे तक का स्नेह का सफर।
किसी भाई की कलाई न सूनी हो,
बहन को रक्षा सूत्र में पिरो के रखें हरदम।
प्रेम प्रीति शुभेच्छा का ये पवित्र राखी बंधन,
रक्षा सूत्र में गुंथे हुए भाई-बहन का प्रेम ये रक्षाबंधन॥