हिमांशु हाड़गे
बालाघाट (मध्यप्रदेश)
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अब के सावन में एक बात हो जाए-
तेरे-मेरे बीच की प्रेम कहानी की शुरूआत हो जाए,
तुम्हारी यादों के समंदर में खो जाऊँ
इस तरह मेरे प्रेम की शुरूआत हो जाए।
अब के सावन में एक बात हो जाए-
तुम्हारी आँखों का नूर हो जाऊँ,
इस बार मेरे प्रेम की इस तरह बरसात होगी हो कि
तुम मेरे ख्वाबों का सावन हो जाओ।
अब के सावन में एक बात हो जाए-
सावन की मस्त बारिश की रिमझिम बूँद के साथ,
तेरी आँखों का काजल हो जाऊँ
तू मुझमें ऐसे बस जाए, जैसे मेघा सावन में बसती है।
अब के सावन में एक बात हो जाए-
घटा बादल से कह रही है कि,
तेरी-मेरी मुलाकात हो जाए
मस्त मगन हो जाऊँ मैं, मस्त मगन तू हो जाए,
ऐसे सावन के गीत हम दोनों मिलकर गाएँ।
अब के सावन में एक बात हो जाए-
इस सावन की ऐसी बरसात होगी,
हम दोनों को चाहिए कि एक-दूजे का साथ निभाएँ
तुम मेरी हो जाओ, मैं तुम्हारा हो जाऊँ,
अगले बरस हम दोनों की प्रेम कहानी सावन में बरस जाए।
अब के सावन में एक बात हो जाए-
अब के सावन में एक बात हो जाए,
महादेव की पूजा करें हम
चलो मिलकर इस सावन में मधुर गीत संगीत बजाएँ,
पेड़-पौधे-हरियाली के संग हम भी झूम-झूम के गाएँ
हरियाली महोत्सव मनाएँ, एक-दूजे का हाथ बँटाएँ।
अब के सावन में एक बात हो जाए,
अब के सावन में एक बात हो जाए…॥