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अब वीरों को मत ललकार

डॉ. संजीदा खानम ‘शाहीन’,
जोधपुर (राजस्थान)
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अब वीरों को मत ललकार,
वीर बहादुर है एक हथियार
वीरों से जो टकराया है,
मुँह की खाकर भागा है।

वीरों का एक ही नारा है,
भारत देश हमारा है
वीरों ने ठाना है दुश्मन को,
मजा चखाना है।

देश पर मरना-मिटना है,
लहू बहाना है देश की धरती
माँ का कर्ज चुकाना है,
यही ताना बाना है।

जान न्यौछावर कर देंगे,
दुश्मनों के इरादे नाकाम कर देंगे
सीना छलनी कर देंगे।
देश को जो क्षति पहुँचाई
तो जीना मुश्किल कर देंगे॥
अब वीरों को मत ललकार…