अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
******************************************
शिक्षक समाज का दर्पण…
‘शिक्षक’,
ज्ञान खजाना
गुरु ही सफलता,
दिवाकर गुरु
चन्द्रप्रभा।
‘शिक्षक’,
ज्ञान पुंज
हमारी पहचान बनाएं,
अरुणाचल व्यक्तित्व
भगवान्।
‘शिक्षक’,
जीवन समझो
सदा सम्मान करें,
अमर ज्ञान
त्रिदेव।
‘शिक्षक’,
जीवन वाहक
रौशनी का झरना,
ईश्वर प्रतिरूप
दीप।
‘शिक्षक’,
राह सच्चरित्र
प्रगति का सुपथ,
सदा देता
आशीष।
‘शिक्षक’,
संस्कार रचता
सदाचार भी गढ़ता,
तिमिर मिटाता
दिग्दर्शक।
‘शिक्षक’,
प्रकाश पुंज
इन्हें जिंदगी समझो,
ज्योति प्रखर
वशिष्ठ।
‘शिक्षक’,
परमार्थ करता
प्रीति पुरुषार्थ सिखाता,
अनूठा साधक
रचयिता।
‘शिक्षक’
हाथ थामें
मर्यादा ना भूलें,
गंभीर रहें
मूल्यवान।
‘शिक्षक’,
माली समान
हर विद्यार्थी पौधा।
बड़ी जिम्मेदारी,
राष्ट्र॥