अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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‘चंद्रघंटा’,
सिंह वाहिनी
रण की रानी,
रौद्र वाणी
कृपा।
‘चंद्रघंटा’,
शांत मुखमंडल
दुष्टों की प्रहारिणी,
तेज-त्रिनेत्री
पालक।
‘चंद्रघंटा’,
असुर नाशिनी
अद्भुत वीर रूप,
करुणा बरसाती
विनती।
‘चंद्रघंटा’,
अधर्म तोड़ती
तेज तुम्हारा मशहूर,
धर्म धारिणी
संहारिणी।
‘चंद्रघंटा’,
माँ आओ
सुख ढेर बरसाओ।
कृपा करो,
माता॥