अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर (मध्यप्रदेश)
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१५ अगस्त विशेष…
‘आज़ादी’,
बड़ी अनमोल
जश्न जरूर मनाएँ,
स्मरणीय बलिदान
राष्ट्र।
‘स्वतंत्रता’,
राष्ट्र पहले
धर्म पथ चलें,
वन्दे मातरम
समरसता।
‘आज़ादी’,
नया अरुणोदय
संभालें हर भारतीय,
त्याग-तपस्या
सूरज।
‘स्वाधीनता’,
मिली भारत
देश तरक्की करे,
अमृत कलश
मानवता।
‘आज़ादी’,
थे पराधीन
सहे अनगिनत अत्याचार,
थी एकता
अपार।
‘स्वतंत्रता’,
सबका भविष्य
अनाचार-भ्रष्टाचार रोको,
सबका मान
प्रकीर्ण।
‘आज़ादी’,
चाहिए ऐसी
तन-मन मजबूत,
साहस-वीरता
भारत।
‘स्वतंत्रता’,
सबका विकास
मिटे अंधा कानून,
मिले सम्मान
प्रीत।
‘आज़ादी’,
मन-देश
वीर-सपूत बलिदान,
हो अनुशासन
कर्मपथ।
‘स्वतंत्रता’,
हो स्नेह
भाई-भाई साथ,
धोखा भूलें
जीवन।
‘आज़ादी’,
द्वेष मिटाएँ
सब सुखी जीवन,
खुशी मनाएँ
सम्बंध।
‘स्वतंत्रता’,
क़ीमत समझें
नहीं त्याग भुलाएँ।
देश हित,
समर्पण॥