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आजाद वतन

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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कोटि-कोटि इस जन्मभूमि से,
भारत अपना प्यारा है।
देश भक्ति की जगे भावना,
दिल ने हमें पुकारा है॥

सब धर्मों के फूल खिलें हैं,
हिन्द वतन के बागों में।
हिन्दू-मुस्लिम गले मिलें हैं,
प्रीत प्रेम के धागों में॥
विविध वेशभूषा से सज्जित,
देखो चमन हमारा है।
कोटि-कोटि इस जन्मभूमि से…

हमने आजादी है पायी,
वीरों की कुर्बानी से।
लालबहादुर नेता गाँधी,
सच्चे हिंदुस्तानी से॥
पराधीन अब देश न होगा,
दुश्मन को ललकारा है।
कोटि-कोटि इस जन्मभूमि से…

मान तिरंगे का करने को,
बच्चा-बच्चा ठाना है।
भारत माँ की लाज बचाने,
पूरा आज जमाना है॥
नील गगन पर भारत ऐसा,
एक चमकता तारा है।
कोटि-कोटि इस जन्मभूमि से…॥

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